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तेरे करम की बारिश

Saloni Yadav
Description

तेरे करम की बारिश

आओगी मन में बरसात बन कर मन को भिगोकर चली जाओगी बिजली बन कर चमकोगी हर दम बादल बनकर गरज जाओगी हवाओं सी फिर तुम लहराओगी बरसात बनके जब जब तुम आओगी फैलाओगी आंचल को अपने इंद्रधनुष सी मन में मेरे छाजाओगी

आओगे जब तुम बरसात बनके मन को मेरे भिगो जाओगी।

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Saloni044

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