Saloni044
Show your support
Hello fellow readers and writers! Your support would be extremely helpful for me to deliver good content and pursue new avenues in writing. Thank you!
Hello fellow readers and writers! Your support would be extremely helpful for me to deliver good content and pursue new avenues in writing. Thank you!
Write a comment ...
तेरे करम की बारिश
सोचा था बारिश होगी आज रात ,
कविताएं लिखने का शौक है मुझे, यू पढ़ने का शौक नही। हँसकर रहने का शौक है मुझे,
तू क्या जाने ऐ व्यक्ति , इस संसार में सब कुछ तृष्णा है। तू जो देख, सुन सकता है, वही तो कृष्णा है।
कैसा - कैसा वक्त गुज़ारा, कैसा कैसा दुख सहे । कैसे - कैसे अरमान थे पहले, कैसे सब टूट गए ।कुछ वक्त ने बदला, कुछ हम बदल गए । जिंदगी ऐसी राह पर लाई, अपने सब छूट गए । हुआ जो ठीक ही था, दुनियाँ बचपन मे ही समझ गए । अपने पराये का एहसास हुआ, अब तो सब वक्त गुजर गए । कुछ वक्त ने बदला, कुछ हम बदल गए । बदल कर सम्भल गए हुआ ही कुछ ऐसा ।मंजिल देखी मकसद बनाएं, क्या बताऐं आगे क्या हुआ ।कुछ नही कह नहीं पा रहे, क़ुदरत का करिश्मा ऐसा हुआ ।कि जिन्दगी का मकसद बदल गया, कुछ वक्त ने बदला, कुछ हम बदल गए ।.
तेरे कहने पर ए ईश्वर, कदम ये उठाया है।
Write a comment ...